CAMP INDIA ADVENTURES

अतुल्य !  अलौकिक !  अविस्मरणीय !

कैलाश मानसरोवर यात्रा 

भगवान शिव का महासिंघासन कैलाश पर्वत, और अलौकिक मानसरोवर: जहां प्रकृति स्वयं जाप करती है "ॐ" का।

हिमालय शब्द के उच्चारण से ही लोगों का मुखमंडल दमक उठता हैं | यदि हिमालय में स्थित कैलाश मानसरोवर क्षेत्र में स्वप्न हों तो ऐसे स्वप्न को साकार करने की आकांक्षा प्रत्येक मनुष्य के ह्रदय में होती हैं | कैलाश पर्वत कई धर्मो की आस्थाओं, विश्वासों एवं तीर्थो का शीर्ष हैं, एक साहसिक यात्रा का गंतव्य हैं | इस क्षेत्र की यात्रा विश्वबंधुत्व की भावना जागृत करती हैं | यहाँ श्रद्धालु  विभिन्न देश, जाति, धर्म, भाषा एवं आस्था के साथ आते हैं और कैलाशमय हो जाते हैं |

कैलाश - एक अनुभूति 

कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते समय यात्री लगभग 10 दिन तक तिब्बत में रहता हैं | समस्त हिम शिखरों से भिन्न एवं दिव्य कैलाश प्रकृति की अनुपम कृति हैं | ठोस काले कसौटी पत्थर के इस चट्टानी पर्वत की आकृति विराट शिवलिंग जैसी हैं | हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए यह एक पौराणिक सुमेरु पर्वत का रूपान्तरण हैं, वे इसे भू-नाभि मानते हैं और ब्रह्माण्ड के केंद्र में स्थित इस महान पर्वत के चारो ओर सृष्टि के घूमने की बात स्विकारते हैं | उल्लेखनीय हैं कि प्रकृति के इस अद्भूत स्थान में किसी भी देवी-देवता की कोई मूर्ति अथवा मंदिर नहीं हैं वरन ये तो स्वयं साक्षात् महादेव का महासिंघासन हैं |

विशाल झीलें 

विस्मरणीय मानसरोवर

कैलाश पर्वत के पास दो विशाल झीलें हैं, जिनमे एक मानसरोवर हैं जो लगभग 15000  फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं, ये ब्रह्माजी के मानस से उत्पन्न मानी जाती हैं | दूसरी झील राक्षस ताल के नाम से विख्यात हैं | कहा जाता हैं कि रावण ने यहीं खड़े होकर भगवान शिव की आराधना की थी, इसलिए इसे रावणहद भी कहा जाता हैं|

मानसरोवर अपने अलौकिक प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्वविख्यात हैं इसका जल अत्यंत स्वच्छ हैं | इस झील का बाहरी घेरा 96 किमी. का हैं | मानसरोवर की गणना इक्यावन शक्तिपीठों में होती हैं, सती की दाहिनी हथेली इसी स्थान पर गिरी थी |